अजित डोभाल: जानें असली जिंदगी के बारे में कुछ ख़ास बातें - TheMasterJi.com

अजित डोभाल: जानें असली जिंदगी के बारे में कुछ ख़ास बातें

अजीत डोभाल: पर्दे के पीछे का वह 'मास्टरमाइंड' जो भारत की सुरक्षा दीवार बन गया

अजीत डोभाल

भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा की बात हो, तो एक नाम हमेशा सबसे आगे खड़ा मिलता है: अजीत डोभाल। इन्हें देश की कूटनीति और खुफिया तंत्र का 'जेम्स बॉन्ड' कहें या एक शांत लेकिन दृढ़ 'मास्टरमाइंड', इनकी कहानी किसी रोमांचक थ्रिलर से कम नहीं है।

डोभाल सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) नहीं हैं, बल्कि वे संकटमोचक के तौर पर जाने जाते हैं। उन्होंने एक IPS अधिकारी से लेकर देश के शीर्ष खुफिया प्रमुख तक का सफर तय किया और फिर सीधे प्रधानमंत्री के सबसे भरोसेमंद सुरक्षा रणनीतिकार बने।


खुफियागीरी का वह दौर: जब वह 'वज़ीर' बनकर रहे

डोभाल की सबसे दिलचस्प कहानी शुरू होती है उनके खुफिया ब्यूरो (IB) के कार्यकाल से। 1980 के दशक में, जब पंजाब उग्रवाद की आग में झुलस रहा था, तब डोभाल ने खुद को एक ऑटोरिक्शा चालक के रूप में भेष बदलकर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में प्रवेश किया। उनका मिशन था - खालिस्तानी आतंकवादियों के बीच विश्वास हासिल करना और अंदरूनी जानकारी जुटाना। यह उनकी साहस और धैर्य का प्रतीक था।

इसके अलावा, कश्मीर में भी उन्होंने शांति बहाल करने में एक अदृश्य लेकिन निर्णायक भूमिका निभाई। उन्होंने कई उग्रवादियों को मुख्यधारा में शामिल होने के लिए मनाया, जिससे आतंक का ताना-बाना कमजोर पड़ने लगा।


NSA की कुर्सी और निर्णायक रणनीतियाँ

2014 में जब वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बने, तो भारत की सुरक्षा नीति में एक ठोस बदलाव देखने को मिला। उनके नेतृत्व में देश ने कुछ सबसे कठिन और साहसी फैसले लिए:

  • सर्जिकल स्ट्राइक (2016): उरी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ की गई यह कार्रवाई डोभाल की आक्रामक रक्षात्मक रणनीति का सबसे बड़ा उदाहरण बनी।

  • डोकलाम गतिरोध (2017): चीन के साथ हुए इस तनावपूर्ण गतिरोध को डोभाल ने कूटनीति और दृढ़ता के मिश्रण से संभाला, जिसने अंततः भारत के पक्ष में परिणाम दिया।

  • अनुच्छेद 370 का हटना (2019): जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा हटाने के दौरान कानून-व्यवस्था को बनाए रखने और पूरे क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने में उनकी रणनीति मील का पत्थर साबित हुई।

डोभाल की कार्यशैली की पहचान यह है कि वह हमेशा 'आगे बढ़कर सोचने' (Proactive Thinking) में विश्वास रखते हैं। वे मानते हैं कि सुरक्षा सिर्फ सीमाओं की रक्षा नहीं, बल्कि दुश्मन को उसके घर में ही कमजोर करने की रणनीति है।


जानें असली जिंदगी के बारे में कुछ ख़ास बातें :

  •  1945 में एक गढ़वाली उत्तराखण्ड ब्राह्मण परिवार में जन्म, पिता आर्मी में ब्रिगेडियर थे। 
  • 1968 में IPS का एग्जाम टॉप किया, केरल Batch के IPS Officer बने।
  • 17 साल की Duty के बाद ही मिलने वाला Medal 6 साल की Duty के ही बाद मिला।
  • पाकिस्तान में जासूस के तौर पर तैनाती, पाकिस्तान की आर्मी में मार्शल की पोस्ट तक पहुंचे और 6 साल भारत के लिए जासूसी करते रहे।
  • 1987 में खालिस्तानी आतंकवाद के समय पाकिस्तानी Agent बनकर दरबार साहिब के अंदर पहुंचे, 3 दिन आतंकवादियों के साथ रहे। आतंकवादियों की सारी Information लेकर Operation Black Thunder को सफलता पूर्वक अंजाम दिया।
  • 1988 में कीर्ति चक्र मिला, देश का एक मात्र Non Army Person जिसे यह Award मिला है।
  • असम गए, वहां उल्फा आतंकवाद को कुचला।
  • 1999 में Plane Hijacking के समय आतंकवादियों से Dealing की !
  • RSS के करीबी होने के कारण मोदी ने सत्ता में आते ही NSA (National Security Advisor) बनाया !
  • बलोचिस्तान में Raw फिर से Active की, बलोचिस्तान का मुद्दा International बनाया।
  • केरल की 45 ईसाई नर्सों का Iraq में Isis ने किडनैप किया। डोभाल खुद इराक़ गए, isis से पहली बार Hostages ज़िंदा बिना बलात्कार हुए (महिला) वापिस लौटे
  • राष्ट्रपति अवार्ड मिला।
  • 2015 मई में भारत के पहले सर्जिकल Operation को अंजाम दिया। भारत की सेना Myanmar में 5 किमी तक घुसी । 50 आतंकवादी मारे।
  • नागालैंड के आतंकवादियों से भारत की इतिहासिक Deal करवाई, आतंकवादी संगठनों ने हथियार डाले
  • भारत की Defence Policy को Agressive बनाया। भारत की सीमा में घुस रहा पाकिस्तानी Ship बिना किसी Warning के उड़ाया, कहा बिरयानी खिलाने वाला काम नही कर सकता।
  • कश्मीर में सेना को खुली छूट दी, Pallet Gun सेना को दिलवाईं। पाकिस्तान को दुनिया के मुस्लिम देशों से ही तोड़ दिया।
  • 2016 September आज़ाद भारत के इतिहास का 1971 के बाद सबसे इतिहासिक दिन। डोभाल के बुने गए Surgical Operation को सेना ने दिया अंजाम। PoK में 3 किलोमीटर घुसे। 40 आतंकी और 9 पाकिस्तानी फौजी मारे। दोनों Surgical Strikes में Zero Casuality 
  • कश्मीर से धारा 370 हटाने व शांति की स्थापना में विशेष योगदान 
  • देशभक्त हिंदू संगठन विवेकनंद इंटरनेशनल फाउंडेशन की स्थापना की।
  • एक वो बाजीराव था जो कहा करता था मैं दिल्ली जीत सकता हूँ । एक डोभाल है जो कहते है की मैं इस्लामाबाद जीत सकता हूँ, हमें आप पर गर्व है।

व्यक्तिगत दृढ़ता और राष्ट्र को समर्पण

उनकी यात्रा इस बात का प्रमाण है कि एक अकेला व्यक्ति अपनी असाधारण बुद्धिमत्ता और देशभक्ति के जुनून से राष्ट्र की दिशा बदल सकता है। डोभाल एक ऐसे स्तंभ हैं, जो शोर-शराबे से दूर, पर्दे के पीछे रहकर देश की नींव को मजबूत करते हैं। उनकी कहानी हमें बताती है कि असली हीरो वह है, जो देश को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी को चुपचाप और पूरी लगन से निभाता है।

आज जब भारत वैश्विक मंच पर एक मजबूत राष्ट्र के रूप में खड़ा है, तो इस बदलाव की नींव में अजीत डोभाल जैसे लोगों की अथक मेहनत और बलिदान का बहुत बड़ा योगदान है।



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