अगर आपने धारण किया है रूद्राक्ष, तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान
अगर आपने धारण किया है रूद्राक्ष, तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान
![]() |
रुद्राक्ष धारण के नियम |
रुद्राक्ष पहनने के धार्मिक व अध्यात्मिक लाभ तो होते ही हैं साथ ही इससे स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। यहां जानिए रूद्राक्ष धारण करते समय किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
-विस्तार-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के अश्रुओं से मानी गई है। रुद्राक्ष भगवान शिव को अति प्रिय है। माना जाता है कि जो लोग रुद्राक्ष धारण करते हैं, उनके ऊपर भगवान शिव की विशेष कृपा रहती है। रुद्राक्ष धारण करने के धार्मिक ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं, जैसे कि रक्तचाप, हृदय रोग आदि में भी रुद्राक्ष धारण करना लाभप्रद माना जाता है। रुद्राक्ष बहुत प्रकार के होते हैं जैसे एक मुखी से लेकर इक्कीस मुखी तक के पाएं जाते हैं। इन सभी रुद्राक्ष की अपनी एक अलग महिमा होती है। मान्यता है कि इसे धारण करने से संकटों का नाश होता है व जातक को ग्रहों की अशुभता से भी मुक्ति मिलती है। रुद्राक्ष धारण करने के कई फायदे हैं।
रुद्राक्ष को बहुत ही चमत्कारी और आलौकिक माना जाता है, लेकिन रुद्राक्ष धारण करने से पहले इससे जुड़े नियमों को जानना बेहद आवश्यक होता है। तो चलिए जानते हैं रुद्राक्ष धारण करने के नियम।
और पढ़ें - बेल पेड़, फल और पत्र का क्या क्या महत्त्व है?
-रुद्राक्ष पहनने के नियम-
- रुद्राक्ष को कभी भी काले धागे में धारण नहीं करना चाहिए इसे हमेशा लाल या पीले रंग के धागे में ही धारण करें।
- रुद्राक्ष बहुत पवित्र होता है इसलिए इसे कभी अशुद्ध हाथों से न छुएं और स्नान करने के बाद शुद्ध होकर ही इसे धारण करें।
- रुद्राक्ष धारण करते समय शिव जी के मंत्र ऊं नमः शिवाय का उच्चारण करना चाहिए।
- स्वयं का पहना हुआ रुद्राक्ष कभी भी किसी दूसरे को धारण करने के लिए नहीं देना चाहिए।
- यदि आप रुद्राक्ष की माला बनवा रहे हैं तो हमेशा ध्यान रखें कि विषम संख्या में ही रुद्राक्ष धारण करें।
- इस बात का ध्यान रखें कि माला 27 मनकों से कम की नहीं होनी चाहिए।
- रुद्राक्ष को वैसे तो केवल धागे में माला की तरह पिरोकर भी धारण किया जा सकता है, लेकिन इसके अलावा आप चांदी या सोने में जड़वाकर भी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।
- रुद्राक्ष धारण करने वालों को मांस, मदिरा या अन्य किसी भी प्रकार से नशीली चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए।
- रतिक्रिया के पहले रुद्राक्ष निकाल देना चाहिए और स्नान करने के बाद ही धारण करना चाहिए।
Post a Comment