दसवीं से कक्षा ग्यारहवीं में पहूंचने वाले विद्यार्थियों के लिए - TheMasterJi.com

दसवीं से कक्षा ग्यारहवीं में पहूंचने वाले विद्यार्थियों के लिए

 कैरियर परामर्श : दसवीं से कक्षा ग्यारहवीं में पहूंचने वाले विद्यार्थियों के लिए

१०वी के बाद कौन सा विषय लें?

दसवीं की बोर्ड परीक्षा पास करने के बाद बच्चों और पालकों के सामने यह उलझन का विषय होता है कि ग्यारहवीं में ऐसा कौन सा विषय का चयन करें जिससे बेहतर भविष्य बन सके, या रोजगार, स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सके। तो बच्चों का भविष्य निर्माण में योगदानस्वरूप यही सलाह है कि जिस विषय में आपका विशेष *रूचि* *( इन्ट्रेस्ट )* है और जिस विषय को आप बेहतर सीख सकते हैं और अच्छे से समझ सकते हैं उसी विषय में आगे बढिए, अवश्य रोजगार या स्वरोजगार का अवसर मिलेगा, सफलता मिलेगी। अपने दोस्तों या किसी व्यक्ति के कहने पर, या किसी के दबाव में उस विषय की ओर कदापि मत जाइए जो आपको समझ में नहीं आता और आपको अत्यंत कठिन लगता है या जिसमें आपका रूचि नहीं है। सभी विषयों जीवविज्ञान, गणित, कृषि, कम्प्यूटर, कॉमर्स, आर्टस आदि के संबंध में अलग अलग विस्तृत जानकारी दी गई है -


जीवविज्ञान ( बायोलॉजी)

• ग्यारहवीं में जीवविज्ञान (बायोलॉजी ) संकाय का चयन करने पर आप चिकित्सा क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं, मेड़िकल, डेन्टल, फॉर्मेसी, नीट, नर्सिंग आदि करके डॉक्टर, नर्स, शिक्षक, प्रोफेसर आदि बनकर मानव सेवा और जीव-जंतुओं के सुरक्षा, सेवा व शिक्षा में योगदान देकर अपना भविष्य बना सकते हैं जिसमें शासकीय रोजगार के साथ साथ स्वरोजगार के भी अवसर बनते हैं। पैथालॉजी, लैब तकनीशियन आदि की पढ़ाई भी की जा सकती है।

• बायोलॉजी विषय लेने वाले आगे सुक्ष्म जीवविज्ञान ( माइक्रोबायोलॉजी ), रसायन ( केमिस्ट्री ), जन्तुविज्ञान ( जूलॉजी ), वनस्पति विज्ञान ( बॉटनी ) आदि विषयों में बी.एस.सी., एम.एस.सी. करके पीएचडी तक पहूंच सकते हैं और आगे प्रोफेसर, वैज्ञानिक, अनुसंधानकर्ता आदि बन सकते हैं।

• बायोलॉजी के क्षेत्र में गहन पढाई करके ICMR और अनेक रिसर्च संस्थाओं से रिसर्च से संबंधित अनेक पद आते रहते हैं।

• पर्यावरण, जैवविविधता एवं संरक्षण, बायोटेक्नोलॉजी, पशु चिकित्सा, दुग्ध उत्पादनआदि से संबंधित संस्थाओं में रोजगार के अवसर रहते हैं।


 फोरेंसिक विज्ञान

फॉरेंसिक साइंस की सहायता से अपराधों में मिले सबूतों की जांच-पड़ताल करते हैं। फोरेंसिक एक्सपर्ट कानून और अपराध-निवारण हेतु फोरेंसिक जांच का काम करते हैं। विज्ञान विषय से आगे बढ़कर इसमें बीएससी करके फोरेंसिक एक्सपर्ट के रूप में अपना कैरियर बना सकते हैं। 


कृषि ( एग्रीकल्चर) - कृषि के क्षेत्र में पढाई करने के लिए दसवीं के बाद ग्यारहवीं में कृषि ( एग्रीकल्चर) ले सकते हैं फिर बारहवीं के बाद इनके प्रतियोगिता परीक्षा पीएटी (प्री एग्रीकल्चर टेस्ट) की तैयारी करके स्नातक ( ग्रेजुएशन) व स्नातकोत्तर ( पोस्ट ग्रेजुएशन), पीएचडी, रिसर्च आदि करके इस विषय क्षेत्र के शिक्षक, प्रोफेसर, संबंधित विभाग, अनुसंधानकर्ता, वैज्ञानिक आदि का पद पर रोजगार के साथ साथ स्वयं का कृषि फार्म, कृषि संबंधी दवाईयों, उपकरणों का स्वरोजगार भी कर सकते हैं।


गणित

ग्यारहवीं में गणित विषय लेने पर बारहवीं पास करने के बाद आप भौतिक विज्ञान (फिजिक्स ), गणित या रसायन विषय में स्नातकोत्तर तक पहुंच कर उस विषय में रिसर्च, पीएचडी आदि गहन पढाई कर सकते हैं और भौतिक विज्ञान ( फिजिक्स ), गणित व रसायन में बहुत अच्छा कैरियर है ।


कम्प्यूटर साइंस

आज तकनीकी के युग में कम्प्यूटर साइंस बहुत अच्छा विकल्प है काफी रोजगार के अवसर हैं। BCA बारहवीं के बाद बैचलर आफ कम्प्यूटर साइंस करके आगे MCA, ( एम.सी.ए. ) कर सकते है आज कम्प्यूटर के क्षेत्र में अत्यधिक रोजगार के अवसर है ऐसे ही कम्प्यूटर में DTP, Hardware maintainance जैसे क्षेत्रों में स्वरोजगार भी स्थापित किया जा सकता है। गणित के बच्चे विभिन्न इंजीनियरिंग संबंधी प्रतियोगिता परीक्षाओं जैसे PET, IIT आदि के माध्यम से इंजीनियरिंग के बडे-बडे पद पर पहुंचा जा सकता है बशर्ते पढ़ाई सिरियसली होना चाहिए, कामचलाऊ नहीं। इसमें पीडब्ल्यूडी, सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सॉफ्टवेयर इंजीनियर और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना भविष्य बना सकते हैं। इंजीनियरिंग में आप इलेक्ट्रॉनिक्स टेलीकम्युनिकेशन को एक अच्छा विकल्प के रूप चुन सकते हैं इससे आप सुरक्षा क्षेत्र, इंटेल कंपनी, HAL, IAF, Navy, BSNL, AAI, DRDO, ISRO,  NASA  आदि क्षेत्रों में अपना भविष्य बना सकते हैं। इससे आप आगे पी.एच.डी. करके वैज्ञानिक अधिकारी, वैज्ञानिक सलाहकार जैसे महत्वपूर्ण तक पहूंच सकते हैं।


भूगर्भशास्त्र (जियोलॉजी)

भूगर्भशास्त्र में बहुत अच्छा कैरियर है इससे आप आगे जीयोलॉजीस्ट बन सकते हैं।


कला (Arts)

ग्यारहवीं में आप कला (आर्ट्स) से संबंधित विषयों जैसे इतिहास, भूगोल, हिन्दी साहित्य, समाजशास्त्र, राजनीति आदि विषय क्षेत्रों में पढाई करके इनसे संबंधित विभाग व संस्थाओं में रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकते हैं पर इन विषयों में कैरियर तभी है जब इन विषयों में बहुत अच्छी पढाई किया जाए, विषय में पकड़ अच्छी हो । इन विषयों में स्नातक, स्नातकोत्तर आदि करते हुए भी प्रशासन में जा सकते हैं या इन विषयों के शिक्षक, प्रोफेसर या अनेक संबंधित संस्थाओं में रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकते हैं। पर पढाई काम चलाऊ नहीं होना चाहिए, यदि पढ रहे हैं तो वास्तव में पुस्तकों को ध्यान से पढ़कर संबंधित जानकारियों को दिमाग व विचार शामिल करना चाहिए । पतली पतली गाइड पढ के अपनी मंजिल तक नहीं पहूंच सकते, इससे परीक्षा तो पास कर सकते हैं पर विषय की सही समझ नहीं मिलती और कला (आर्ट्स) के सभी विषय सदैव ही विश्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। लोगों में आर्ट्स के विषयों के प्रति गलत धारणा बनी हुई है कि कम प्रतिशत वाले इसे पढ़ते हैं और लोग केवल विज्ञान और गणित लेने में सम्मान महसूस कर रहे हैं । ये बात गलत है आज सभी विषयों का अपना अपना महत्व है, सभी विषयों के जानकारों का अपना अपना सम्मानजनक स्थान है सभी विषयों के जानकारों की जरूरत है तो कभी भी कला (आर्ट्स) विषय लेते समय हिचकिचाना नहीं चाहिए। विश्व के बड़े बड़े मौसम वैज्ञानिक, समाजशास्त्री, राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, साहित्यकार, चित्रकार, मूर्तिकार सब आर्ट्स की देन है।


जनसंचार (मास कम्युनिकेशन) 

किसी भी विषय से ग्यारहवीं पढ़ने के बाद जनसंचार व पत्रकारिता में भी रोजगार के अच्छे अवसर है बहुत से विश्वविद्यालयों में इसकी पढ़ाई हो रही है। मीडिया यानि कि मास कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म से आप कन्टेंट राइटर, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, पब्लिक रिलेशन, विज्ञापन, स्क्रीन प्ले राइटर, फोटो पत्रकारिता, रेडियो जॉकी आदि में कैरियर बना सकते हैं।


वाणिज्य (कॉमर्स)

दसवीं के बाद कॉमर्स लेकर आज के समय में इस विषय क्षेत्र में बहुत अच्छा कैरियर या भविष्य है इससे आप सी.ए. ( चार्टर्ड अकाउंटेंट ) जिसका आज अत्यधिक जरूरत पड़ती है कर सकते हैं इसमें प्राइवेट क्षेत्र में अधिक रोजगार है, साथ साथ अकाउंटिंग, बिजनेस, बैंकिंग आदि क्षेत्र से संबंधित संस्थाओं में रोजगार के अवसर हैं। इसमें आप बी.कॉम, बी.कॉम ऑनर्स, एम. कॉम, एम.कॉम, ऑनर्स, सी.ए, सी.एस., एम.बी.ए., और सी.एफ.ए. करके अपना भविष्य बना सकते हैं। कम्प्यूटर में Tally की तैयारी अच्छा विकल्प है।


प्रशासनिक सेवा के लिए 

• यदि आपको प्रशासनिक पदों में जाने की रुचि हो और कलेक्टर, तहसीलदार आदि विभिन्न प्रशासनिक पद में आना चाहते हैं तो स्नातक यानि ग्रेजुएशन ( बी.ए., बीएससी, बीकॉम, बीएएमएस, एमबीबीएस) के साथ-साथ विविध प्रशासनिक पदों की तैयारी भी कर सकते हैं और ग्रेजुएशन होते ही आप लौक सेवा आयोग (पीएससी ), आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, विभिन्न राज्य लोक सेवा आयोग, व्यापम के विभिन्न परीक्षाओं में बैठ सकते हैं क्योंकि बहुत से बच्चे और पालक चाहतें हैं कि वे प्रशासन में जाकर कुछ बड़े अधिकारी, कर्मचारी के पद जैसे कलेक्टर, तहसीलदार, शिक्षक, पटवारी, हॉस्टल वार्डन आदि का पद प्राप्त कर सकते हैं, इसके लिए सबसे आसान तरीका यह है कि आप किसी भी विषय में स्नातक (ग्रेजुएशन) कीजिए और साथ साथ पीएससी या यूपीएससी व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी अवश्य कर सकते हैं इससे यह फायदा है कि तीन साल स्नातक के साथ-साथ पीएससी या अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की बहुत अच्छी तैयारी हो जाती है, और जैसे ही आपका स्नातक कम्पलीट हुआ, आप पीएससी की परीक्षाओं में बैठ सकते हैं। ऐसे ही अन्य पदों पर रोजगार के लिए एकाग्रतापूर्वक तैयारी कर सकते हैं आज के समय में आपकी शिक्षा स्वयं का स्वरोजगार स्थापित करने के साथ-साथ दुसरों को रोजगार देने योग्य भी होना चाहिए।


संगीत शिक्षा, ललित कला 

दसवीं के बाद आर्ट्स विषय के साथ साथ जो विद्यार्थी संगीत, पेंटिंग, डिजाइनिंग, मूर्तिकला, चित्रकला आदि में रूचि रखते हैं उन्हें अपने रूचि के अनुसार संगीत महाविद्यालयों, संगीत विश्वविद्यालयों से संगीत, पेंटिंग या डिजाइनिंग आदि की पढाई भी कर सकते हैं। संगीत संबंधित संस्थाओं में भी रोजगार मिलते हैं।


तकनीकी शिक्षा आईटीआई या पॉलिटेक्निक 

दसवीं के बाद इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिकल, डीजल मैकेनिकल, फीटर, कोपा आदि विभिन्न व्यवसायिक क्षेत्रों में तकनीकी शिक्षा प्राप्त करके भविष्य में स्वयं का स्वरोजगार स्थापित कर सकते हैं और दुसरों को रोजगार भी दे सकते हैं।


 मुद्रलेखन, शीघ्रलेखन

हिन्दी व अंग्रेजी टाइपिंग सीखकर भी विभिन्न संस्थानों में शीघ्रलेखन के द्वारा रोजगार व स्वरोजगार कर सकते हैं।


टेक्निकल इंस्टीट्यूट या कौशल विकास केन्द्र

विभिन्न टेक्निकल इंस्टीट्यूट्स या कौशल विकास केन्द्रों के द्वारा विभिन्न मशीन मरम्मत, टीवी, एसी, फ्रीज, रिवाइडिंग, मोटरसाइकिल, मैकेनिक आदि का काम सीखकर भी रोजगार प्राप्त कर सकते हैं या स्वरोजगार स्थापित कर सकते हैं।

 

पैरामेडिकल

पैरामेडिकल भी एक अच्छा विकल्प है, पैरामेडिकल स्टॉफ, इलाज में डॉक्टर्स की मदद करते हैं, मरीजों के रोगों की जांच करने का काम करते हैं. सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल से लेकर नर्सिंग होम, क्लीनिक, लैब्स और चिकित्सा विज्ञान के लगभग सभी क्षेत्रों में इनकी मांग बढ़ती जा रही है।


लैब टेक्नोलॉजी 

इसमें लैब टेक्नीशियन और मेडिकल टेक्नोलॉजिस्ट का काम ब्लड बैंकिंग, क्लीनिकल टेक्नोलॉजी, इम्यूनोलॉजी एवं माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित काम करना है।


रेडियोग्राफी 

अनेक शारीरिक विकृतियों को विभिन्न तकनीकों द्वारा सामने लाया जाता है -जैसे अल्ट्रासाउंड, एक्स रे, सीटी स्कैन, एमआरआई आदि । इस कोर्स को करने से रेडियोग्राफर बना जा सकता है इसमें भी अच्छा कैरियर है।


माइक्रोबायोलॉजी 

पैरामेडिकल के क्षेत्र में माइक्रो बायोलॉजी तकनीकी बहुत आवश्यक है। किसी भी रोग का सही पहचान के द्वारा ही सही इलाज होता है इसलिए यह बहुत उपयोगी, रोजगार देने वाला क्षेत्र है।


फिजियोथेरेपी

बदलती लाइफस्टाइल की वजह से आज इस क्षेत्र की मांग बढ़ती जा रही है. फिजियोथेरेपी में व्यायाम व कुछ उपकरणों के द्वारा इलाज करते है, वातरोग व तंत्रिका तंत्र संबंधित रोग होने पर फिजियोथेरेपिस्ट का सहयोग लेते हैं। इससे भी रोजगार, स्वरोजगार के अवसर बनते हैं।


🙏🏻 धन्यवाद

(जरूरतमंद विद्यार्थियों को यह जानकारी अवश्य भेजें)

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