विश्व का सबसे बड़ा भारतीय और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र.....
हमारी प्राचीन सभ्यता अर्थात ऋषि मुनियों का समय इतनी विकसित थी कि उनके द्वारा किये गए अनुसंधान आज के वैज्ञानिक युग को भी मात दे दे। सभी विषय व क्षेत्र में हमारे ऋषि मुनि पारंगत थे। बिना किसी आधुनिक उपकरण के वे सूक्ष्म से सूक्ष्म और विशाल से विशाल चीज के बारे में भी लगभग सटीक जानकारी बता देते थे।
पुराने समय में रावण के 10 सिर व 100 कौरवों की गिनती कैसे की गई जबकि शून्य की खोज आर्यभट्ट ने की... क्लिक करें व जरूर पढ़े।
आज हम ऐसे ही अनुसंधान जिसे हमारे महान ऋषि मुनियों ने किया था के बारे में बताने जा रहे हैं, वो है समय की गणना, जिसके सूक्ष्म से विशाल के बारे मे बताया गया है... भारत के प्रथम से 27 नागरिक के बीच कौन कौन आते हैं?? जानने के लिए क्लिक करें व जरूर पढ़े।
तो आइये देखते है ------
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| Symbolic Represntation |
हमारी प्राचीन सभ्यता अर्थात ऋषि मुनियों का समय इतनी विकसित थी कि उनके द्वारा किये गए अनुसंधान आज के वैज्ञानिक युग को भी मात दे दे। सभी विषय व क्षेत्र में हमारे ऋषि मुनि पारंगत थे। बिना किसी आधुनिक उपकरण के वे सूक्ष्म से सूक्ष्म और विशाल से विशाल चीज के बारे में भी लगभग सटीक जानकारी बता देते थे।
पुराने समय में रावण के 10 सिर व 100 कौरवों की गिनती कैसे की गई जबकि शून्य की खोज आर्यभट्ट ने की... क्लिक करें व जरूर पढ़े।
आज हम ऐसे ही अनुसंधान जिसे हमारे महान ऋषि मुनियों ने किया था के बारे में बताने जा रहे हैं, वो है समय की गणना, जिसके सूक्ष्म से विशाल के बारे मे बताया गया है... भारत के प्रथम से 27 नागरिक के बीच कौन कौन आते हैं?? जानने के लिए क्लिक करें व जरूर पढ़े।
तो आइये देखते है ------
■ क्रति = सेकन्ड का 34000 वाँ भाग
■ 1 त्रुति = सेकन्ड का 300 वाँ भाग
■ 2 त्रुति = 1 लव
■ 1 लव = 1 क्षण
■ 30 क्षण = 1 विपल
■ 60 विपल = 1 पल
■ 60 पल = 1 घड़ी (24 मिनट )
■ 2.5 घड़ी = 1 होरा (घन्टा )
■ 24 होरा = 1 दिवस (दिन या वार)
■ 7 दिवस = 1 सप्ताह
■ 4 सप्ताह = 1 माह
■ 2 माह = 1 ऋतु
■ 6 ऋतु = 1 वर्ष
■ 100 वर्ष = 1 शताब्दी
■ 10 शताब्दी = 1 सहस्राब्दी
■ 432 सहस्राब्दी = 1 युग
■ 2 युग = 1 द्वापर युग
■ 3 युग = 1 त्रैता युग
■ 4 युग = सतयुग
■ सतयुग + त्रेतायुग + द्वापरयुग + कलियुग = 1 महायुग
■ 76 महायुग = मनवन्तर
■ 1000 महायुग = 1 कल्प
■ 1 नित्य प्रलय = 1 महायुग (धरती पर जीवन अन्त और फिर आरम्भ )
■ 1 नैमितिका प्रलय = 1 कल्प ।(देवों का अन्त और जन्म )
■ महाकाल = 730 कल्प ।(ब्राह्मा का अन्त और जन्म )
■ 1 त्रुति = सेकन्ड का 300 वाँ भाग
■ 2 त्रुति = 1 लव
■ 1 लव = 1 क्षण
■ 30 क्षण = 1 विपल
■ 60 विपल = 1 पल
■ 60 पल = 1 घड़ी (24 मिनट )
■ 2.5 घड़ी = 1 होरा (घन्टा )
■ 24 होरा = 1 दिवस (दिन या वार)
■ 7 दिवस = 1 सप्ताह
■ 4 सप्ताह = 1 माह
■ 2 माह = 1 ऋतु
■ 6 ऋतु = 1 वर्ष
■ 100 वर्ष = 1 शताब्दी
■ 10 शताब्दी = 1 सहस्राब्दी
■ 432 सहस्राब्दी = 1 युग
■ 2 युग = 1 द्वापर युग
■ 3 युग = 1 त्रैता युग
■ 4 युग = सतयुग
■ सतयुग + त्रेतायुग + द्वापरयुग + कलियुग = 1 महायुग
■ 76 महायुग = मनवन्तर
■ 1000 महायुग = 1 कल्प
■ 1 नित्य प्रलय = 1 महायुग (धरती पर जीवन अन्त और फिर आरम्भ )
■ 1 नैमितिका प्रलय = 1 कल्प ।(देवों का अन्त और जन्म )
■ महाकाल = 730 कल्प ।(ब्राह्मा का अन्त और जन्म )
सम्पूर्ण विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र यही है। जो हमारे देश भारत में बना।Facebook में Video के अपने आप चलने को कैसे बंद करे??? जानने के लिए क्लिक करें।
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