भगवान जगन्नाथ का महा रहस्य... - TheMasterJi.com

भगवान जगन्नाथ का महा रहस्य...

महाप्रभु का महा रहस्य....

Mahaprabhu Ji ki photo
भगवान जगन्नाथ स्वामी

महाप्रभु जगन्नाथ(श्री कृष्ण) को कलियुग का भगवान भी कहते है.... पुरी(उड़ीसा) में जग्गनाथ स्वामी अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ निवास करते है... मगर रहस्य ऐसे है कि आजतक कोई न जान पाया।

हर 12 साल में महाप्रभु की मूर्ती को बदला जाता है, उस समय पूरे पुरी शहर में ब्लैकआउट किया जाता है यानी पूरे शहर की लाइट बंद की जाती है। लाइट बंद होने के बाद मंदिर परिसर को CRPF की सेना चारो तरफ से घेर लेती है...उस समय कोई भी मंदिर में नही जा सकता।
महाप्रभु का रहस्य


मंदिर के अंदर घना अंधेरा रहता है...पुजारी की आँखों मे पट्टी बंधी होती है...पुजारी के हाथ मे दस्ताने होते है..वो पुरानी मूर्ती से "ब्रह्म पदार्थ" निकालता है और नई मूर्ती में डाल देता है...ये ब्रह्म पदार्थ क्या है आजतक किसी को नही पता...इसे आजतक किसी ने नही देखा. ..हज़ारो सालो से ये एक मूर्ती से दूसरी मूर्ती में ट्रांसफर किया जा रहा है...

मगर आजतक कोई भी पुजारी ये नही बता पाया की महाप्रभु जगन्नाथ की मूर्ती में आखिर ऐसा क्या है ???

कुछ पुजारियों का कहना है कि जब हमने उसे हाथमे लिया तो खरगोश जैसा उछल रहा था...आंखों में पट्टी थी...हाथ मे दस्ताने थे तो हम सिर्फ महसूस कर पाए...

आज भी हर साल जगन्नाथ यात्रा के उपलक्ष्य में सोने की झाड़ू से पुरी के राजा खुद झाड़ू लगाने आते है...

भगवान जगन्नाथ मंदिर के सिंहद्वार से पहला कदम अंदर रखते ही समुद्र की लहरों की आवाज अंदर सुनाई नहीं देती, जबकि आश्चर्य में डाल देने वाली बात यह है कि जैसे ही आप मंदिर से एक कदम बाहर रखेंगे, वैसे ही समुद्र की आवाज सुनाई देंगी।

आपने ज्यादातर मंदिरों के शिखर पर पक्षी बैठे-उड़ते देखे होंगे, लेकिन जगन्नाथ मंदिर के ऊपर से कोई पक्षी नहीं गुजरता।

झंडा हमेशा हवा की उल्टी दिशामे लहराता है।

दिन में किसी भी समय भगवान जगन्नाथ मंदिर के मुख्य शिखर की परछाई नहीं बनती।

भगवान जगन्नाथ मंदिर के 45 मंजिला शिखर पर स्थित झंडे को रोज बदला जाता है, ऐसी मान्यता है कि अगर एक दिन भी झंडा नहीं बदला गया तो मंदिर 18 सालों के लिए बंद हो जाएगा

इसी तरह भगवान जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर एक सुदर्शन चक्र भी है, जो हर दिशा से देखने पर आपके मुंह आपकी तरफ दीखता है।
Jagannath ji ke mandir ka dhwaj va chakra
जगन्नाथ मंदिर का ध्वज व सुदर्शन चक्र


भगवान जगन्नाथ मंदिर की रसोई में प्रसाद पकाने के लिए मिट्टी के 7 बर्तन एक-दूसरे के ऊपर रखे जाते हैं, जिसे लकड़ी की आग से ही पकाया जाता है, इस दौरान सबसे ऊपर रखे बर्तन का पकवान पहले पकता है।

भगवान जगन्नाथ मंदिर में हर दिन बनने वाला प्रसाद भक्तों के लिए कभी कम नहीं पड़ता, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि जैसे ही मंदिर के पट बंद होते हैं वैसे ही प्रसाद भी खत्म हो जाता है।
ये सब बड़े आश्चर्य की बात हैं..

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