श्री मद्-भगवत गीता के बारे में कुछ संक्षिप्त ज्ञान....5 पांडव के नाम तो आप जानते ही होंगे लेकिन क्या आपको 100 कौरवों का नाम पता है? - TheMasterJi.com

श्री मद्-भगवत गीता के बारे में कुछ संक्षिप्त ज्ञान....5 पांडव के नाम तो आप जानते ही होंगे लेकिन क्या आपको 100 कौरवों का नाम पता है?

श्री मद्-भगवत गीता के बारे में-

bhagvat gita ke bare me jaankari
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गीता तो एक आध्यात्मिक धर्म ग्रन्थ है जिनके कई अध्याय है, जिनमें से कुछ प्रश्न और उत्तर को विद्यार्थियों के लिए संक्षिप्त माध्यम में प्रस्तुत किया गया है जिससे उन्हें गीता के बारे में कुछ ज्ञान प्राप्त हो सके। लेकिन यह ज्ञान सिर्फ विद्यार्थियों के लिए ही है ऐसा नहीं है यह सभी के लिए है जो इससे अनभिज्ञ है तो जरूर पढ़े और अच्छी लगे तो आगे शेयर करें। 

1. किसको किसने सुनाई?
उ.- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई।

2. कब सुनाई?
उ.- आज से 5700 साल पहले सुनाई।

3. भगवान ने किस दिन गीता सुनाई?
उ.- रविवार के दिन।

4. कौन सी तिथि को?
उ.- एकादशी। 

5. कहा सुनाई?
उ.- कुरुक्षेत्र की रणभूमि में।

6. कितनी देर में सुनाई?
उ.- लगभग 45 मिनट में। 

7. क्यू सुनाई?
उ.- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए।

8. कितने अध्याय है?
उ.- कुल 18 अध्याय। 

9. कितने श्लोक है?
उ.- 700 श्लोक। 

10. गीता में क्या-क्या बताया गया है?
उ.- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है।

11. गीता को अर्जुन के अलावा
और किन किन लोगो ने सुना?
उ.- धृतराष्ट्र एवं संजय ने 

12. अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था?
उ.- भगवान सूर्यदेव को। 

13. गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है?
उ.- उपनिषदों में। 

14. गीता किस महाग्रंथ का भाग है?
उ.- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है।

15. गीता का दूसरा नाम क्या है?
उ.- गीतोपनिषद। 

16. गीता का सार क्या है?
उ.- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना। 

17. गीता में किसने कितने श्लोक कहे है?
उ.- श्रीकृष्ण जी ने- 574
अर्जुन ने- 85
धृतराष्ट्र ने- 1
संजय ने- 40.


पाण्डव पाँच भाई थे जिनके नाम हैं -
1. युधिष्ठिर    2. भीम    3. अर्जुन    4. नकुल    5. सहदेव

( इन पांचों के अलावा, महाबली कर्ण भी कुंती के ही पुत्र थे, परन्तु उनकी गिनती पांडवों में नहीं की जाती है)

यहाँ ध्यान रखें कि पाण्डु के उपरोक्त पाँचों पुत्रों में से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन की माता कुन्ती थी तथा नकुल और सहदेव की माता माद्री थी। और पढ़े... जब शून्य की खोज आर्यभट्ट ने की तो रावण के 10 सर और 100 कौरव की गिनती कैसे की गई?

वही धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र कौरव कहलाए जिनके नाम हैं-

1. दुर्योधन       2. दुःशासन        3. दुःसह       4. दुःशल            5. जलसंघ       6. सम 
7. सह             8. विंद               9. अनुविंद    10. दुर्धर्ष            11. सुबाहु        12. दुषप्रधर्षण
13. दुर्मर्षण      14. दुर्मुख          15. दुष्कर्ण   16. विकर्ण          17. शल           18. सत्वान
19. सुलोचन     20. चित्र            21. उपचित्र   22. चित्राक्ष         23. चारुचित्र     24. शरासन
25. दुर्मद।       26. दुर्विगाह       27. विवित्सु   28. विकटानन्द   29. ऊर्णनाभ    30. सुनाभ
31. नन्द।         32. उपनन्द       33. चित्रबाण  34. चित्रवर्मा       35. सुवर्मा        36. दुर्विमोचन
37. अयोबाहु    38. महाबाहु      39. चित्रांग     40. चित्रकुण्डल   41. भीमवेग     42. भीमबल  
43. बालाकि     44. बलवर्धन     45. उग्रायुध   46. सुषेण            47. कुण्डधर    48. महोदर
49. चित्रायुध     50. निषंगी        51. पाशी       52. वृन्दारक        53. दृढ़वर्मा     54. दृढ़क्षत्र
55. सोमकीर्ति  56. अनूदर        57. दढ़संघ    58. जरासंघ         59. सत्यसंघ    60. सद्सुवाक
61. उग्रश्रवा     62. उग्रसेन        63. सेनानी    64. दुष्पराजय       65. अपराजित
66. कुण्डशायी 67. विशालाक्ष    68. दुराधर   69. दृढ़हस्त           70. सुहस्त
71. वातवेग       72. सुवर्च          73. आदित्यकेतु   74. बह्वाशी     75. नागदत्त    76. उग्रशायी
77. कवचि         78. क्रथन         79. कुण्डी      80. भीमविक्र       81. धनुर्धर      82. वीरबाहु
83. अलोलुप       84. अभय         85. दृढ़कर्मा   86. दृढ़रथाश्रय    87. अनाधृष्य
88. कुण्डभेदी     89. विरवि        90. चित्रकुण्डल    91. प्रधम       92. अमाप्रमाथि    93. दीर्घरोमा
94. सुवीर्यवान     95. दीर्घबाहु     96. सुजात      97. कनकध्वज    98. कुण्डाशी      99. विरज    100. युयुत्सु

( इन 100 भाइयों के अलावा कौरवों की एक बहन भी थी जिसका नाम "दुशाला" था,
जिसका विवाह "जयद्रथ" से हुआ था )

अपनी युवा-पीढ़ी को गीता के बारे में जानकारी पहुचाने हेतु इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करे। धन्यवाद

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