नदी में सिक्के नहीं फेंकना चाहिए.... क्यों? आइए जानते हैं... - TheMasterJi.com

नदी में सिक्के नहीं फेंकना चाहिए.... क्यों? आइए जानते हैं...


नदी में  पैसे नहीं डालने चाहिए, क्यों?? आइये जानते हैं...

     भारत एक ऐसा देश जहाँ बहुत से प्राचीन परंपराएं व मान्यताएँ  प्रचलित हैं। इनमें से एक है नदी में सिक्के फेकना।

     हमारे देश में रोज न जाने कितनी रेलगाड़ियाँ, बसें और अन्य वाहन न जाने कितनी नदियों को पार करती हैं और उनके यात्रियों द्वारा हर रोज नदियों में सिक्के फेंकने का चलन है!
     अगर रोज के सिक्कों के हिसाब से गणना की जाए तो ये रकम कम से कम चार अंको को तो पार करती होगी।
सोचो इस तरह हर रोज कितनी भारतीय मुद्रा ऐसे फेंक दी जाती है? OTP फ्राड का अजीब मामला, पढ़े और सुरक्षित रहें।
    आखिरकार नदियों में सिक्के क्यों डालते हैं? क्या सिर्फ इसलिए कि पुण्य मिलता है। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और कुछ बातें पता करते हैं कि वर्तमान परिदृश्य में नदी में पैसे फेकने से पुण्य कमा रहे है या पाप।

सिक्के में उपयोग होने वाले तत्व-

वर्तमान सिक्के स्टेनलेस स्टील जिसमें 83% लोहा और 17% क्रोमियम के बने होते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए क्लिक करें और क्रोमियम एक निश्चित मात्रा के बाद जहरीला हो जाता है।

कौन सा क्रोमियम हमारे लिए नुकसान दायक है??? 

 क्रोमियम दो अवस्था में पाया जाता है, एक Cr(III-Trivalent, 3+) और दूसरी Cr(VI-Hexavalent, 6+)। इनमें क्रोमियम(VI) जीव जगत के लिए घातक होता है। अगर इसकी मात्रा 0.05% प्रति लीटर से ज्यादा हो जाए तो ऐसा पानी हमारे लिए जहरीला बन जाता है, जो सीधे कैंसर जैसी बीमारी को जन्म देता है। बहुत से पोस्ट मे क्रोमियम VI(Hexavalent) को क्रोमियम IV लिखा हुआ मिलता है जो कि गलत है। क्रोमियम Trivalent और Hexavalent में ही पाया जाता है। ब्रेन हैमरेज क्या है? पढ़े और सुरक्षित रहें।

कब से चालू हुई है यह परम्परा???

सिक्के फेंकने का चलन ताँबे के सिक्के के समय था।
कहा जाता है कि प्राचीनकाल में एक बार दूषित पानी से बीमारियाँ फैली थीं तो राजा ने हर व्यक्ति को अपने आसपास के जल के स्रोत और जलाशयों में ताँबे के सिक्के को फेकना अनिवार्य कर दिया था। क्योंकि ताँबा जल को शुद्ध करने वाली सबसे अच्छी धातु है। चन्द्रयान के द्वारा भेजी वायरल फोटो का सच जानने के लिए क्लिक करें
व चन्द्रयान 2 के द्वारा पृथ्वी की असली फोटो देखने के लिए क्लिक करें

निष्कर्ष-

आजकल सिक्के नदी में फेंकने से किसी तरह का उपकार नहीं बल्कि जल प्रदूषण और बीमारियों को बढ़ावा हो रहा है।
अतः निवेदन कि इसे आप अपने मित्रों, बच्चों, गैरजानकर तथा अशिक्षित व्यक्तियों को विशेष रूप से समझाएँ, ताकि अज्ञानतावश गलती न हो।
धन्यवाद।

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